The 5-Second Trick For bhairav kavach

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रक्षंतू ध्वारामूले तु दसदिक्शु समानतः

ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥

भक्तियुक्तेन मनसा कवचं पूजयेद्यदि ॥ २५॥



सम्भाव्यः सर्वदुष्टघ्नः पातु स्वस्थानवल्लभः ॥ २०॥

प्रयत्नतः पठेद् यस्तु तस्य सिद्धिः करे स्थिता ॥ ७॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥



 

ॐ ह्रीं बटुकाय सततं सर्वाङ्गं मम सर्वदा ॥

शत्रु के द्वारा किये हुए मारण, मोहन, उच्चाटन आदि तंत्र दोष नष्ट होते है, उनसें रक्षा होती है।

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आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव check here स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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